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ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सटीक कार्रवाई में पाकिस्तान के 9 जेट्स ढेर, आतंकी ठिकानों पर भारी तबाही

ऑपरेशन सिंदूर

ऑपरेशन सिंदूर

नई दिल्ली, 8 जून 2025: भारत की वायुसेना ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सटीक और शक्तिशाली हमले किए, जिसने पाकिस्तानी वायुसेना को भारी नुकसान पहुंचाया। इस चार दिवसीय सैन्य अभियान में भारतीय वायुसेना (IAF) ने पाकिस्तान के नौ विमानों को मार गिराया, जिसमें छह फाइटर जेट्स, दो हाई-वैल्यू सर्विलांस विमान और एक सी-130 सैन्य परिवहन विमान शामिल हैं। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू की गई थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।

ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य और शुरुआत

ऑपरेशन सिंदूर 7 मई की रात को शुरू हुआ, जब भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए। भारतीय वायुसेना ने 6-7 मई की रात को बहावलपुर और मुरिदके जैसे आतंकी केंद्रों पर हमला किया, जिसमें 9 आतंकी ठिकाने नष्ट किए गए। भारतीय राफेल और सुखोई-30 एमकेआई विमानों ने स्कैल्प और ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग कर सटीक हमले किए।

पाकिस्तान को भारी नुकसान

रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की हवाई क्षमता को पांच साल पीछे धकेल दिया। छह पाकिस्तानी फाइटर जेट्स, जिनमें चीनी निर्मित जे-10सी और जेएफ-17 शामिल थे, हवा में ही नष्ट कर दिए गए। इसके अलावा, दो स्वीडिश मूल के हाई-वैल्यू सर्विलांस विमान और एक सी-130 परिवहन विमान भी भारतीय हमलों में तबाह हुए। भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने 10 से अधिक पाकिस्तानी ड्रोन्स और कई क्रूज मिसाइलों को भी नष्ट किया।

पाकिस्तानी दावों का खंडन

पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने छह भारतीय जेट्स, जिनमें तीन राफेल शामिल थे, को मार गिराया। हालांकि, भारत के रक्षा स्टाफ प्रमुख जनरल अनिल चौहान ने इन दावों को “पूरी तरह गलत” बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने स्वीकार किया कि भारत को शुरुआती चरण में कुछ सामरिक गलतियों के कारण नुकसान हुआ, लेकिन इन गलतियों को तुरंत सुधार लिया गया। चौहान ने कहा, “महत्वपूर्ण यह नहीं कि कितने जेट गिरे, बल्कि यह है कि हमने अपनी रणनीति को बेहतर बनाकर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया।”

भारत की रणनीतिक सफलता

ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने न केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि पाकिस्तान के रडार और कमांड सेंटरों को भी तबाह कर दिया। भारतीय वायुसेना ने डमी विमानों का उपयोग कर पाकिस्तान के चीनी निर्मित एचक्यू-9 वायु रक्षा प्रणाली को बेकार कर दिया। 9-10 मई की रात को 12 में से 11 पाकिस्तानी हवाई अड्डों पर हमले किए गए, जिससे उनकी हवाई क्षमता को भारी झटका लगा।

वैश्विक प्रतिक्रिया और युद्धविराम

इस संघर्ष में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के विमानों को मार गिराने का दावा किया। पाकिस्तान ने चीनी निर्मित जे-10सी और पीएल-15 मिसाइलों के उपयोग का दावा किया, जिसे चीन ने अपनी रक्षा उद्योग की जीत के रूप में प्रचारित किया। हालांकि, स्वतंत्र स्रोतों ने इन दावों की पुष्टि नहीं की। 10 मई को अमेरिकी हस्तक्षेप के बाद दोनों देशों के बीच युद्धविराम हुआ।

भारत का संदेश

ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल पाकिस्तान की सैन्य कमजोरियों को उजागर किया, बल्कि भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को भी रेखांकित किया। यह अभियान भारत की रक्षा तैयारियों और रणनीतिक कौशल का प्रतीक बन गया है।

ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य शक्ति और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया। पाकिस्तान को हुए भारी नुकसान ने उसकी हवाई क्षमता को कमजोर किया, जबकि भारत ने अपनी सामरिक गलतियों से सीखते हुए प्रभावी जवाब दिया। यह अभियान भविष्य में आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति का स्पष्ट संदेश देता है। यद्यपि इस युद्ध में भारतीय नौसेना को शामिल नहीं किया गया था तथापि इतनी क्षति पाकिस्तानी सेना को उठाना पड़ा, अगर भारतीय नौसेना को भी शामिल कर लिया जाता तो 1971 की पुनरावृत्ति संभव था। भारतीय नौसैनिक विमानवाहक पोत आई एन एस विक्रांत कराची से महज कुछ ही दूर पर अपने आदेश की प्रतीक्षा कर रहा था। जो कराची शहर को घंटा में तबाह कर सकता था।

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