नई दिल्ली, 8 जून 2025: फाइनेंशियल एक्सप्रेस और एसएंडपी ग्लोबल द्वारा आयोजित एक हालिया राउंडटेबल चर्चा में विशेषज्ञों ने दावा किया है कि विदेशी निवेशकfore भारत में लगभग एक ट्रिलियन डॉलर (लगभग 83 लाख करोड़ रुपये) कम निवेश कर रहे हैं। इस चर्चा में मॉर्गन स्टेनली के रिधम देसाई और कोटक एएमसी के नीलेश शाह जैसे दिग्गजों ने भारत की आर्थिक संभावनाओं और निवेश के अवसरों पर प्रकाश डाला।
भारत की आर्थिक वृद्धि का आकर्षण
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत की नाममात्र जीडीपी वृद्धि दर 12-13% प्रति वर्ष रहने की उम्मीद है, जो संरचनात्मक सुधारों, डिजिटलीकरण और मजबूत वित्तीय क्षेत्र द्वारा समर्थित है। भारत की यह तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन रही है। रिधम देसाई ने बताया कि भारत का एमएससीआई जैसे वैश्विक सूचकांकों में वजन अगले कुछ वर्षों में और बढ़ सकता है, जो विदेशी पूंजी प्रवाह को और प्रोत्साहित करेगा।
निवेश के अवसर और कम हिस्सेदारी
चर्चा में यहइक्विटी बाजार में विदेशी निवेश अभी भी अन्य उभरते बाजारों की तुलना में काफी कम है। विनिर्माण, हरित ऊर्जा, और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं, जहां निवेश की गुंजाइश बहुत अधिक है। नीलेश शाह ने कहा कि नीतिगत स्थिरता और सुधारों की निरंतरता भारत के प्रति निवेशकों का भरोसा बढ़ा सकती है।
चुनौतियां और भविष्य की राह
हालांकि, नियामक जटिलताएं, कर नीतियां और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं, जैसे कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियां, विदेशी निवेश को प्रभावित कर सकती हैं। फिर भी, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की दीर्घकालिक विकास कहानी इसे वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाती है।
भारत की अर्थव्यवस्था में निवेश की अपार संभावनाएं हैं, और विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी निवेशकों के लिए यह सही समय है कि वे भारत के विकास का हिस्सा बनें। नीतिगत सुधार और बाजार की स्थिरता इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।