सोने की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
ऑल इंडिया सराफा एसोसिएशन के अनुसार, 1 अप्रैल 2025 को राष्ट्रीय राजधानी में 24 कैरेट (99.9% शुद्धता) सोने की कीमत 94,150 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई। यह पिछले दो महीनों में सबसे तेज उछाल में से एक है। वैश्विक बाजारों में अस्थिरता और मांग बढ़ने से सोने की कीमतें लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही हैं।
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम का अंत
सितंबर 2015 में शुरू हुई गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम का मकसद घरों और संस्थानों में पड़े 20,000 टन से अधिक सोने को अर्थव्यवस्था में लाना था। इससे सोने के आयात पर निर्भरता कम करने की उम्मीद थी। लेकिन, लोगों की सोने के प्रति भावनात्मक लगाव, जटिल प्रक्रिया और कम भागीदारी के कारण यह योजना ज्यादा सफल नहीं हो सकी। नवंबर 2024 तक केवल 31,164 किलोग्राम सोना ही इस स्कीम के तहत जमा हुआ।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भी हुए बंद
नवंबर 2015 में लॉन्च हुई सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय रही। इसमें 2.5% सालाना ब्याज के साथ सोने की कीमतों में बढ़ोतरी का लाभ मिलता था। लेकिन, सोने की कीमतों में 2015 से अब तक कुछ ट्रांच में 128% से ज्यादा की बढ़ोतरी के बाद यह सरकार के लिए महंगा सौदा बन गया। आखिरी SGB ट्रांच फरवरी 2024 में जारी हुई थी, और वित्त वर्ष 2025-26 में कोई नई स्कीम नहीं लाई गई।
सरकार का नया रुख
वित्त वर्ष 2025 के बजट में सोने के आयात शुल्क को 15% से घटाकर 6% करने के बाद अब इन योजनाओं को बंद करना सरकार की नीति में बदलाव का संकेत देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की ऊंची कीमतों और वैश्विक अनिश्चितता के बीच सरकार अब नए तरीकों पर ध्यान दे रही है।अगर आप सोने में निवेश या इन योजनाओं के बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। सोने की कीमतों पर नजर रखें और सही समय पर निवेश का फैसला लें।सोने की कीमतों में उछाल: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के बाद सरकार ने बंद की गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम, जानें पूरी डिटेल