Operation Sindoor: भारत की सटीक सैन्य कार्रवाई ने पाकिस्तान में मचाई तबाही, 7 और लक्ष्य उजागर

नई दिल्ली, 8 जून 2025: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का एक नया अध्याय तब शुरू हुआ जब 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई। इस हमले के जवाब में भारत ने Operation Sindoor शुरू किया, जो 7 से 10 मई 2025 तक चला। हाल ही में सामने आए एक पाकिस्तानी सरकारी दस्तावेज ने खुलासा किया है कि भारत ने इस ऑपरेशन में उन सात अतिरिक्त लक्ष्यों पर हमला किया, जिनका पहले आधिकारिक तौर पर जिक्र नहीं किया गया था। इन लक्ष्यों में अटक, बहावलनगर, गुजरात, झांग (पंजाब प्रांत), पेशावर (खैबर-पख्तूनख्वा), और छोर व हैदराबाद (सिंध) शामिल हैं। यह खुलासा भारत की सैन्य ताकत और रणनीतिक क्षमता को दर्शाता है, जिसने पाकिस्तान के सैन्य ढांचे को गहरा नुकसान पहुंचाया।

Operation Sindoor: एक नजर में

Operation Sindoor भारत की ओर से आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम था, जो पहलगाम हमले के जवाब में शुरू किया गया। इस ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था। भारतीय वायुसेना (IAF) ने 7 मई की सुबह से शुरू होकर 22 मिनट के भीतर नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के मुख्यालय शामिल थे।

पाकिस्तानी दस्तावेज के अनुसार, भारत ने सात अतिरिक्त सैन्य ठिकानों पर हमले किए, जिनमें भारी सुरक्षा वाले हवाई अड्डे और रडार सिस्टम शामिल थे। इनमें नूर खान, रफीकी, मुरिद, सुक्कुर, सियालकोट, पासरूर, चुनियां, सरगोधा, स्कर्दू, भोलारी और जैकोबाबाद जैसे महत्वपूर्ण हवाई अड्डे थे। भारतीय सेना ने ब्रह्मोस मिसाइलों और लंबी दूरी के ड्रोनों का इस्तेमाल कर इन ठिकानों को नष्ट किया, जिससे पाकिस्तान की हवाई रक्षा प्रणाली को भारी नुकसान पहुंचा।

भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया

पहलगाम हमले ने भारत में भारी आक्रोश पैदा किया, क्योंकि इसमें हिंदू तीर्थयात्रियों को निशाना बनाया गया था। इस हमले को आतंकवादियों द्वारा भारत की संप्रभुता पर हमला माना गया। जवाब में, भारत ने Operation Sindoor को एक ऐसी सैन्य कार्रवाई के रूप में अंजाम दिया, जो न केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम थी, बल्कि पाकिस्तान की सैन्य ताकत को भी कमजोर करने में सफल रही।

भारत के रक्षा स्टाफ प्रमुख जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग के दौरान खुलासा किया कि भारतीय सेना ने 300 किलोमीटर अंदर तक पाकिस्तान के भारी सुरक्षा वाले हवाई अड्डों पर सटीक हमले किए। उन्होंने कहा, “हमने एक मीटर की सटीकता के साथ हमले किए, जिससे पाकिस्तान की रडार और कमांड-कंट्रोल सिस्टम को भारी नुकसान हुआ।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और संघर्ष विराम

पाकिस्तान ने Operation Sindoor के जवाब में 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर सीमित जवाबी हमले किए। हालांकि, भारत ने इन हमलों का कड़ा जवाब देते हुए 11 पाकिस्तानी हवाई अड्डों को नष्ट कर दिया। इस तीव्र सैन्य कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने 10 मई को भारत से संघर्ष विराम की मांग की।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने लाचिन, अजरबैजान में आयोजित पाकिस्तान-तुर्की-अजरबैजान त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन में स्वीकार किया कि भारतीय हमले ने उनकी सेना को अप्रत्याशित रूप से तैयार नहीं पाया। उन्होंने ब्रह्मोस मिसाइलों के इस्तेमाल की पुष्टि की, जिसने इस्लामाबाद के नियोजित जवाबी हमले को विफल कर दिया।

भारत की कूटनीतिक जीत

Operation Sindoor न केवल सैन्य दृष्टिकोण से बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी भारत के लिए एक बड़ी जीत साबित हुई। भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए 33 देशों की राजधानियों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास में कहा, “भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सटीक और लक्षित हमले किए, जो हमारी संयमित प्रतिक्रिया को दर्शाता है।

इसके अलावा, कोलंबिया ने भारत के कूटनीतिक प्रयासों के बाद पाकिस्तान के प्रति अपनी सहानुभूति वापस ले ली। यह भारत की आतंकवाद विरोधी नीति की वैश्विक स्वीकार्यता को दर्शाता है।

Operation Sindoor का प्रभाव

Operation Sindoor ने पाकिस्तान की वायुसेना को कम से कम पांच साल पीछे धकेल दिया। भारतीय हमलों ने रडार कवरेज, कमांड और कंट्रोल सिस्टम को नष्ट कर दिया, जिससे पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को गहरा झटका लगा। एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने कहा, “हमारा जवाबी हमला 1:3 के अनुपात में था, यानी पाकिस्तान के हर उकसावे के जवाब में हमने तीन गुना ताकत से हमला किया।”

पाकिस्तान ने अपने दस्तावेज में दावा किया कि इन हमलों में नागरिक हताहत हुए, लेकिन भारत ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि केवल आतंकी ठिकाने और सैन्य ढांचे को निशाना बनाया गया।

भारत की रक्षा तैयारियां

ऑपरेशन के बाद, भारत ने अपनी रक्षा तैयारियों को और मजबूत किया। 28 मई को गुजरात, पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में नागरिक रक्षा मॉक ड्रिल आयोजित की गई। यह 1971 के बाद पहली बार था जब भारत ने इतने बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Operation Sindoor को भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को अब यह समझ लेना चाहिए कि भारत न तो पानी देगा और न ही बातचीत करेगा। अगर कोई बात होगी, तो वह केवल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के बारे में होगी।”

विपक्ष की प्रतिक्रिया

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार की संचार रणनीति पर सवाल उठाए और Operation Sindoor के दौरान रणनीतिक और परिचालन खामियों की स्वतंत्र जांच की मांग की। वहीं, राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर पर ऑपरेशन के विवरण लीक करने का आरोप लगाया, जिसका विदेश मंत्रालय ने खंडन किया।

Operation Sindoor भारत की सैन्य और कूटनीतिक ताकत का एक शक्तिशाली प्रदर्शन था। इसने न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाया, बल्कि यह भी साबित किया कि भारत अब परमाणु खतरों से डरने वाला नहीं है। इस ऑपरेशन ने वैश्विक समुदाय को यह संदेश दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में सक्षम है और अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

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